How to check quality of construction

 

घर के निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच कैसे करें

How to check quality of construction

जब भी हम अपने मकान का निर्माण कार्य (construction work) करवाते हैं तो हम यही सोचते हैं कि हमारा घर बोहत ही मजबूत बने हमारे घर की कंस्ट्रक्शन क्वालिटी बोहत ही अच्छी हो पर आप यह कैसे जानेंगे कि जो आपके मकान की नींव,प्लिंथ कॉलम, बीम,छत कितनी मजबूत है आज कॉन्क्रीट की मजबूती को जानने का तरीका में आपको बताऊंगा आइए जानते है।


Eight factor of check the quality of construction


1. Check the quality of concrete


2. Check the quality of cement


3. Check the quality of bricks


4. Check the quality of aggregate


5. Check the quality of sand


6. Check the quality of paint


7. Check the quality of timber


8. Check the quality of soil


 कॉन्क्रीट क्या है

    


                                 











  कॉन्क्रीट

सबसे पहले जानते हैं कॉन्क्रीट क्या होती है कॉन्क्रीट निर्माण कार्य मे सबसे उपयोगी निर्माण सामग्री है ये सीमेंट,रेत,गिट्टी एवं पानी के मिलावे का एक मिश्रण होता है जिसे कॉन्क्रीट कहते है इसमें पानी की मात्रा 25% से 30% के लगभग होती है बाकी सीमेंट, रेत,गिट्टी का मिश्रण होता है। सीमेंट इसका सबसे महत्वपूर्ण कम्पोनेंट है जो पानी के साथ मिल कर हाइड्रेशन प्रक्रिया को शुरू कर सारे मिश्रण को एक दूसरे से जोड़ने लगता है और अंदर एक जाले का निर्माण करता है सीमेंट के कण फूलकर बाकी मिलावे के साथ मिल कर एक जैल तैयार कर लेते है यही सूखने पर एक सख्त ओर ठोस आकर में परिवर्तित हो जाती है और जलरोधक(waterproof) बन जाती है जिसे हम कॉन्क्रीट कहते है कॉन्क्रीट एक लंबा विषय है इसे विस्तार से हम कॉन्क्रीट के ब्लॉग में जानेंगे अभी के लिए इतना काफी है।


क्यूब 


जब भी आपके घर का निर्माण कार्य हो रहा हो उस समय जब कॉन्क्रीट की ढलाई (casting of concrete) का कार्य हो रहा हो जैसे छत की ढलाई, प्लिंथ की ढलाई, फूटींग की ढलाई, कॉलम की ढलाई आदि के समय आपको उस कॉन्क्रीट मेसे कुछ कॉन्क्रीट ले कर कॉन्क्रीट क्यूब में भरने है क्यूब मोल्ड आपको बाजार में आसानी से मिल जाएंगे 6 क्यूब अवशय भरे वैसे तो क्यूब कॉन्क्रीट पर मीटर क्यूब के हिसाब से भरने होते है पर साधारण एक या 2,3 मंजिला इमारत के लिए 6 क्यूब पर्याप्त होंगे आप अपने ठेकेदार जो आपके घर का निर्माण कार्य कर रहा है उससे भी क्यूब का सेम्पल भरने को कह सकते है क्यूब हमेशा अपने सामने ही भरवाये क्यूब का साईज 15 सेंटीमीटर×15 सेंटीमीटर×15 सेंटीमीटर होता है याने की लंबाई 15 सेंटीमीटर चौड़ाई 15 सेंटीमीटर ओर ऊँचाई 15 सेंटीमीटर होती है ये चौकोर आकर के होते है जिसकी तसवीर निचे दी गई है।


                          क्यूब मौल्ड


 कॉन्क्रीट क्यूब कैसे भरे


सबसे पहले क्यूब मौल्ड को अच्छे से साफ करें फिर मौल्ड के अंदर आयल को चारों तरफ ओर नीचे तले मे लगा दे फिर जो कॉन्क्रीट मटेरियल से निर्माण कार्य हो रहा है उसी कॉन्क्रीट को एक तगारी में सेम्पल के लिए भर लीजिए इसके बाद करनी की सहायता से 3 परतों में क्यूब मौल्ड को भरना होगा प्रत्येक परत 5 सेंटीमीटर की भरे ओर प्रत्येक परत को 16 मिलीमीटर की रॉड जिसकी लंबाई 60 सेंटीमीटर की हो तथा आगे से थोड़ी नुकीली हो से 35 बार अच्छे से कॉन्क्रीट की खचाई (कॉम्पेक्ट) करे फिर करनी की सहायता से क्यूब के ऊपरी हिस्से को समतल प्लेन कर ले और सारे नमूने(सेम्पल) को इसी प्रकार भर कर 24 घण्टे तक सूखने के लिए रख दें 24 घण्टे बाद क्यूब को पाहने की सहायता से खोलकर 7 दिनों तक पानी की टंकी में तराई के लिए डुबो कर रख दे 7 दिनों बाद 3 क्यूब को लेबोरेट्री में भेज दे उसके बाद अगले दिन आपको क्यूब टेस्टिंग की रिपोर्ट मिल जाएगी बाकी बचे 3 क्यूब को 28 दिनों तक पानी मे ही रहने दे और प्रतेयक 7 दिनों बाद टंकी या टब जिसमे भी आपने क्यूब रखे हैं उसका पानी बदलते रहिये 28 दिनों के बाद लेबोरेट्री में जाँच के लिए भेजे आपको आपकी कॉन्क्रीट की गुणवत्ता प्राप्त होजाएगी


             24 घण्टे बाद क्यूब मौल्ड से निकले क्यूब


कॉन्क्रीट क्यूब टेस्ट की रिपोर्ट


7 दिन में कॉन्क्रीट की कॉम्प्रसिव स्ट्रेंथ 13 N/mm2 होनी चाहिए 

28 दिनों बाद आपकी कॉन्क्रीट की कॉम्प्रसिव स्ट्रेंथ      20 N/mm2 होनी चाहिए


यदि स्ट्रेंथ इससे कम आती है तो आपकी कॉन्क्रीट कमजोर है

ओर यदि स्ट्रेंथ इससे 5% से 10% अधिक है तो कोई बात नहीं 


ध्यान रखें कि क्यूब उसी कॉन्क्रीट से भरे जो निर्माण कार्य के लिए तैयार किया गया है


अलग से कॉन्क्रीट का मिश्रण बनाकर क्यूब बिल्कुल नहीं भरना है


क्यूब के सूखने के बाद पेंट से दिनांक अवश्य लिखें जिससे आपके पता चलता रहेगा कि कितने दिनों बाद क्यूब का टेस्ट करना है और साथ ही उस हिस्से का नाम भी लिखे जिस हिस्से मे कॉन्क्रीट की गई है जैसे छत, प्लिंथबीम,कॉलम, फूटींग इत्यादि ताकि बाद में यदि उस हिस्से को तोड़ना पड़े तो पता रहे कि किस हिस्से का कब है। यदि आप कम खर्च में अपना मकान बनना चाहते है तो ये अवश्य पढ़ें कम खर्च में घर बनाने की विधि


ईस प्रकार आप अपने घर के निर्माण कार्य की गुणवत्ता को जान सकते है आपको यदि इससे संबंधित जानकारी और प्राप्त करनी है तो मुझे कमेंट बॉक्स में लिख सकते है

या इंस्टाग्राम अकाउंट पर फॉलो करें इंस्टाग्राम 




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