cement | Definition, History, nature and origin

 which cement is best OPC | PPC
कौनसा सीमेंट अच्छा है OPC | PPC


Introduction of cement what is a cement

Cement एक निर्माण सामग्री है जिसका उपयोग निर्माण उद्योग में किया जाता है, यह मुख्य रूप से चूने, सिलिका, एल्यूमिना और आयरन ऑक्साइड को मिलाकर कच्चे माल का  तैयार मिश्रण होता है। जो कैल्सीनेशन द्वारा गठित क्लिंकर को चूर्ण करके प्राप्त किया जाता है। पोर्टलैंड सीमेंट के निर्माण में उपयोग की जाने वाली मूल कच्ची सामग्री अर्गिलेसन और कैलकेरियस पदार्थ हैं। कैलकेरियस सामग्री चूना पत्थर, चाक, समुद्री गोले आदि हैं, और आर्गिलेसन सामग्री शेल और मिट्टी, ब्लास्ट फर्नेस स्लैग आदि हैं।


सीमेंट का पौराणिक इतिहास

History of Cement | where cement is found


सीमेंट 12 मिलियन से अधिक वर्षों से प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ रहा है और इसका उपयोग लगभग 3000 ईसा पूर्व से मिस्रियों, चीनी और सीमेंट को पहले रोमनों द्वारा विकसित किया गया था और इसका उपयोग पुलों, सड़कों और इमारतों के निर्माण के लिए किया जाता था। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कुछ समय, उन्होंने पाया कि ज्वालामुखी की राख को चूने के मोर्टार, रेत और बजरी के साथ मिलाकर आज के कंक्रीट के समान एक चट्टान-कठोर पदार्थ बनाया गया है। इस पदार्थ को पॉज़ोलन सीमेंट कहा जाता था और इसका उपयोग एपियन वे, कोलिज़ीयम और पैन्थियॉन के साथ-साथ दक्षिणी फ्रांस में पोंट डू गार्ड के निर्माण के लिए किया गया था। उनमें से कुछ प्रारंभिक कंक्रीट संरचनाएं बनी हुई हैं, जो रोमनों द्वारा विकसित कंक्रीट और सीमेंट को इतिहास में रोमन साम्राज्य के द्वारा विस्थापित किया गया था। रोमन लोगों ने सीमेंट बनाने के लिए चूने और ज्वालामुखी की राख का इस्तेमाल किया।यूनानियों द्वारा सीमेंट का उपयोग अल्पविकसित रूपों में किया जाता था। 

Who Invent of Cement in the Modern Age

आधुनिक युग में सीमेंट का अविष्कार

आधुनिक युग में सीमेंट का अविष्कार 1774 में, ब्रिटिश इंजीनियर, जॉन स्मीटन न किया था। John Smeaton जॉन स्मीटन को एक ऐसे कंस्ट्रक्शन सामग्री की तलाश थी जो पानी के संपर्क में आने पर प्रभावित ना हो। 1793 में उन्होंने अपनी खोज में पाया  जब उन्होंने यह पता चला कि चूना पत्थर के कैल्सीनेशन जिसमें मिट्टी होती है, हाइड्रोलिक चूने का उत्पादन करती है, एक चूना जो पानी के नीचे कठोर होता है। यह वह सामग्री थी जिसका उपयोग इंग्लैंड के कॉर्नवाल में एडीस्टोन लाइटहाउस के ऐतिहासिक पुनर्निर्माण में किया गया था। जिसके इंजीनियर जॉन स्मीटन थे।


सीमेंट कितने प्रकार की होती है

 TYPES OF CEMENT

बाजार में कई प्रकार की सीमेंट उपलब्ध है जैसे


  1. Ordinary Portland cement

  2. Portland pozzolana cement

  3. Rapid hardening cement

  4. Quick setting cement

  5. Low heat cement

  6. High Alumina cement

  7. Sulphate resisting cement

  8. Colour cement 

  9. Portland slag cement

  10. White cement


Ordinary Portland cement (OPC)

यह सीमेंट अधिकतर सामान्य कंस्ट्रक्शन कार्यो में उपयोग की जाने वाली सीमेंट है जैसे- रोड,आरसीसी स्ट्रक्टर,पानी की टंकी यह उच्च तापमान पर ठोस अनुपात में चूना पत्थर और मिट्टी के मिश्रण को मिलाकर बनाया जाता है। सीमेंट की सेटिंग टाइम को कम करने के लिए इस मिश्रण में थोड़ी मात्रा में जिप्सम मिलाया जाता है। इस सीमेंट का सेटिंग्स टाइम इनिषयल 30 मिनिट ओर फाइनल सेटिंग्स टाइम 10 घंटे तक होता है।

Portland pozzolana cement (PPC)

इस सीमेंट का उपयोग समुद्री कंस्ट्रक्शन काम और बड़े पैमाने की कंक्रीट में किया जा सकता है, इसे जिप्सम के साथ क्लिंकर और पॉज़ोलैंड को मिलाकर बनाया जाता है। यह सीमेंट जलयोजन की गर्मी को कम करता है और सल्फेट से होने वाले नुकसान के खिलाफ अधिक प्रतिरोध क्षमता पैदा करता है।


What is a ready mix concrete


Composition of ordinary cement

साधारण सीमेंट की संरचना


  चुना

CaO

60-67

  सिलिका

SiO₂,

17-25

  एलुमिना

Al₂O₃.

3-8

  कैल्सियम सल्फेट

CaSO₄

3-5

  आयरन ऑक्ससीड

Fe₂O₃.

2-4

  मेग्नेटिया

MgO

0.1-4

  सल्फर

So

1-3

  अलकलिएस


0.2-1


Properties of cement

सीमेंट के गुण

एक या अछे सीमेंट के गुण प्रायः उसकी रासायनिक संरचनाओं पर निर्भर करते हैं। जैसे उसकी मजबूती उसकी ग्रेडिंग आदि।

  1. यह चिनाई को शक्ति देता है।

  2. यह एक उत्कृष्ट बाध्यकारी सामग्री है।

  3. इसमें एक अच्छी प्लास्टिसिटी होती है।

  4. यह नमी के लिए अच्छी प्रतिरोध क्षमता प्रदान करता है।

  5. यह बोहत जल्दी कठोर हो जाती है।

Field test of cement

सीमेंट का क्षेत्र परीक्षण

Colour रंग: सीमेंट का रंग हल्का भूरा ओर थोड़ा सा हार होना चाहिए।


physical property

स्थूल संपत्ति: सीमेंट को छूने पर उसमे खुरदुरा पन नही होना चाहिए छूने पर चिकना होना चाहिए। एक पानी से भरे पात्र में सीमेंट को डालने पर यह पानी की सतह पर तैरना चाहिए।


presence of lumps

गांठों की उपस्थिति: अंगूठे ओर उंगलियों के बीच सीमेंट को रगड़ने पर उसमे गांठे नही होनी चाहिए गांठे नमी के कारण बनती है सीमेंट हमेशा नामी रहित होना चाहिए।


Laboratory test of cement


  1. Chemical composition test

ratio of percentage of Alumina to that of iron oxide

एल्युमिना और आयरन ऑक्साइड के प्रतिशत का अनुपात: यह अनुपात  0.66%  से कम नही होना चाहिए।


ratio of percentage of lime to those of Alumina, iron oxide and silica

एल्युमिना, आयरन ऑक्साइड और सिलिका के चूने के प्रतिशत का अनुपात: यह अनुपात 0.66%  से कम नहीं होना चाहिए और 1.02% से अधिक भी नहीं होना चाहिए नीचे दिये गए समीकरण के अनुसार।


 समीकरण

                                       CaO-0.7SO₃   


          2.8SiO₂ + 1.2 Al₂O₃ + 0.65Fe₂O₃


प्रज्वलन का कुल नुकसान: यह 5% से अधिक मात्रा में नही होना चाहिए।


कुल सल्फर सामग्री: सल्फर सामग्री की गणना so3 के रूप में की जाती है और यह 2.75% से अधिक नहीं होनी चाहिए।


अघुलनशील अवशेषों का वजन: इसकी मात्रा 2% से अधिक नहीं होनी चाहिए।


मैग्नीशिया का वजन: यह 6% से अधिक नहीं होना चाहिए।


  1. Fineness test of cement


  इस परीक्षण में सौ ग्राम सीमेंट लिया जाता है और इसे मानक बी 15  छन्नी  संख्या  9 के माध्यम से लगातार 15 मिनट तक छाना जाता है।  ओर छानने के बाद जो शेष वजन वजन बचता है वह  वजन मूल वजन के 10% से अधिक नहीं होना चाहिए।


ईस परीक्षण में सीमेंट कण के विशिष्ट सतह क्षेत्र की गणना की जाती है। यह परीक्षण चलनी परीक्षण से बेहतर है। और यह शुद्धता की एकरूपता को दर्शाता है। सीमेंट की विशिष्ट सतह  2250  सेमी वर्ग प्रति ग्राम से कम नहीं होनी चाहिए।


  1. Compressive strength test of cement


सीमेंट की  compressive strength  को जानने के लिए सीमेंट रेत का 1:3 अनुपात में पानी मिलाकर पेस्ट बना लिया जाता है और उस पेस्ट को 7.06 cm के आकार के क्यूब में भर दिया जाता है। और 24 घण्टो बाद मौलड से निकाल कर साफ पानी से भरे पात्र में तराई करने के लिए रख दिया जाता है 3 और 7 दिनों बाद कंप्रेसिव स्ट्रेंघट मशीन पर क्यूब का परीक्षण किया जाता है। 3 दिनों की इसकी कंप्रेसिव स्ट्रेंघट 160 kg सेंटीमीटर स्कॉयर से कम नहीं होनी चाहिए। और 7 दिनों के बाद इसकी कंप्रेसिव स्ट्रेंघट 220 kg सेंटीमीटर स्कॉयर से कम नही होनी चाहिए।


How to buy compressive strength machine



  1. Tensile strength test of cement


सीमेंट की तन्न सामर्थ्य ज्ञात करने के लिए  सीमेंट रेत का 1:3 अनुपात में पानी मिलाकर पेस्ट बना लिया जाता है। इस परीक्षण के लिए विशेष मोल्ड का उपयोग किया जाता है, जिसे ब्रिकेट कहा जाता है। सीमेंट -  रेत का मोर्टार तैयार किया जाता है। फिर ब्रिकेट में भर दिया जाता है। और 24 घण्टो बाद ब्रिकेट से निकाल कर साफ पानी से भरे पात्र में तराई करने के लिए रख दिया जाता है 3 और 7 दिनों बाद टेस्टिंग मशीन पर ब्रिकेट का परीक्षण किया जाता है। 3 दिनों की इसकी कंप्रेसिव स्ट्रेंघट 20 kg सेंटीमीटर स्कॉयर से कम नहीं होनी चाहिए। और 7 दिनों के बाद इसकी कंप्रेसिव स्ट्रेंघट 25 kg सेंटीमीटर स्कॉयर से कम नही होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में tensile strength compressive strength  की  10%  मानी जा सकती है।

आवश्यक पानी की मात्रा सूत्र से प्राप्त की जाती है।            P =( Pn/5+2.5) 


  1. Soundness test of cement


सेटिंग के बाद सीमेंट की मात्रा में परिवर्तन को बोहत मजबूती के रूप में जाना जाता है और इसके कारण दरारें, विरूपण और सीमेंट  टूट  सकता है। एक अच्छी गुणवत्ता वाला सीमेंट पर्याप्त ध्वनि देता  है। इस परीक्षण के लिए ली-चेटेलियर के उपकरण का उपयोग किया जाता है।

सीमेंट पेस्ट सामान्य स्थिरता से तैयार किया जाता है और गैर-छिद्रपूर्ण प्लेट पर प्रतिरोध करने वाले उपकरण के सांचे में भरा जाता है। और एक अन्य गैर-छिद्रपूर्ण प्लेट को मोल्ड में रखा जाता है और वजन नोट किया जाता है।

पूरी असेंबली को अब पानी के पात्र में रखा गया है जिसका तापमान 30 डिग्री सेल्सियस है। 24 घंटे के बाद पॉइंटर के बीच की दूरी नोट की जाती है। फिर मोल्ड को कम से कम 1 घंटे के लिए उबलते पानी के ब्रेकर में स्थानांतरित कर दिया जाता है। ठंडा करने के बाद फिर से पॉइंटर्स के बीच की दूरी को मापें और उनके बीच की दूरी में वृद्धि का पता लगाएं।सही कंटेनर में रखे गए सीमेंट के लिए दूरी में यह वृद्धि 10 मिमी से अधिक नहीं होनी चाहिए।

Hydration of cement  

सीमेंट जल योजन प्रक्रिया

सीमेंट में पानी मिलाने के बाद सीमेंट के सिलिकेट ओर एल्युमिनेटिक यौगिको की पानी से रासायनिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है  जिसमे सीमेंट के कण फुल कर मकड़ी के जाले की तरह फैल जाते हैं ईसमें सीमेंट के कण अपने आयतन के कई गुणा अधिक फूल जाते हैं और सीमेंट रेत ओर गिट्टी को आपस मे एक दूसरे से जोड देते है और एक स्पंज जैसा पदार्थ बन जाता है। यह पदार्थ gel तथा सीमेंट यौगिक ओर पानी की रासायनिक क्रिया hydration of cement सीमेंट जलयोजन की क्रिया कहलाती है। ईस जल योजन की क्रिया में पानी की मात्रा 25% से 30% तक होती है बाकी का पानी कॉन्क्रीट की workability को बढ़ाता है इस क्रिया में बोहत heat generate होती है।


Process of Manufacture of cement

सीमेंट का निर्माण या सीमेंट बनाने की विधि

चुनेदार पत्थर जैसे सिलिका क्ले आयरन ऑक्ससीड पदार्थों को सही अनुपात में कच्चे माल को पीसकर उन्हें ठीक से मिलाया जाता है लगभग 1400 डिग्री सेल्सियस से 1500 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर क्लिंक में जला कर, जिस तापमान पर सामग्री जम जाती है और आंशिक रूप से गांठदार आकार के क्लिंकर ठोस हो जाती है। क्लिंकर को ठंडा करके क्लिंकर को महीन चूर्ण में पीस लिया जाता है। ओर इसमे 2% से 3% जिप्सम मिलाया जाता है। यदि सीमेंट में जिप्सम नहीं डाला गया तो पानी डालते ही सीमेंट जम जाएगा। जिप्सम एक मंदक के रूप में कार्य करता है और यह सीमेंट की ईनिशियली सेटिंग्स क्रिया को धीमा करता है। इसमे 60% से 80% कैल्सियम कार्बोनेट ओर 20% से 40% क्ले मिश्रण होता है

इस प्रकार सीमेंट प्राप्त होती है।


सीमेंट बनाने की दो प्रकिया होती है गीली या शुष्क प्रक्रिया के रूप में दो प्रक्रियाएँ हैं जो इस बात पर निर्भर करती हैं कि सामग्री को मिलाना और पीसना। गीली या शुष्क मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। 

आजकल शुष्क प्रक्रिया बहुत अधिक लोकप्रिय है क्योंकि शुष्क प्रक्रिया में गीली प्रक्रिया की तुलना में कम ईंधन की आवश्यकता होती

है।


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कौनसा सीमेंट अच्छा है 

which cement is good

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल की घर बनाने के लिए कौनसा सीमेंट अच्छा होता है। सीमेंट तो लगभग सभी अच्छे होते हैं पर मेरी सलाह यही है कि कोई भी ब्रांडेड कंपनियों के सीमेंट आप अपने मकान बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते है बस सीमेंट का उपयोग करने से पहले उसके इनिषयल सेटिंग टाइम ओर फाइनल सेटिंग टाइम अवश्य चेक कर ले उसके बाद आप इसका उपयोग कर सकते है।


Setting time of cement

सीमेंट परीक्षण का सेटिंग समय किसी भी सीमेंट के प्रारंभिक और अंतिम सेटिंग समय का पता लगाने के लिए आयोजित किया जाता है। प्रारंभिक सेटिंग समय उन क्षणों के बीच का समय है जब सीमेंट में पानी डाला जाता है, उस समय तक जब पेस्ट अपनी प्लास्टिसिटी खोना शुरू कर देता है। यह उस समय के बीच का समय है जब सीमेंट में पानी डाला जाता है और वह समय जब सीमेंट का पेस्ट अपनी प्लास्टिसिटी पूरी तरह से खो देता है


इनिषयल सेटिंग्स टाइम ऑफ सीमेंट

Initial setting time of cement 30 मिनेट होना चाहिए याने की सीमेंट 30 मिनेट में थोड़ी थोड़ी सेट होना शुरू हो जानी चाहिए। सीमेंट में पानी मिलाने के बाद सीमेंट पेस्ट में दरार पड़ने पर वह स्वयं ना भर सके यह अवस्था इनिषयल सेटिंग्स टाइम ऑफ सीमेंट कहलाती है।



फाइनल सेटिंग्स टाइम ऑफ सीमेंट

Final setting time of cement 

सीमेंट का अंतिम सेटिंग का समय:-

जिस समय सीमेंट पूरी तरह से अपनी प्लास्टिसिटी खो देता है और कठोर हो जाता है, वह सीमेंट का अंतिम निर्धारण समय होता है।

Final setting time of cement 10 घंटे 600 मिनेट तक का होना चाहिए याने की 10 घण्टे में सीमेंट पूरी तरह से सेट हो जानी चाहिए। ये सीमेंट का फाइनल सेटिंग टाइम होता है।


साधारण पोर्टलैंड सीमेंट के लिए, अंतिम सेटिंग समय 600 मिनट (10 घंटे) है।


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